Mahabharat Hindi Quotes
सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए
प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।
अशांत को सुख कैसे हो सकता है.
सुखी रहने के लिए शान्ति बहुत जरुरी है.
राजधर्म एक नौका के समान है, यह नौका
धर्म रूपी समुद्र में स्थित है।
सतगुण ही नौका का संचालन करने वाला बल है,
धर्मशास्त्र ही उसे बांधने वाली रस्सी है।
लज्जा नारी का अमूल्य रत्न है।
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है
यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर
लगातार चिंतन करे।
Mahabharat Hindi Quotes
जो मनुष्य नाश होने वाले सब प्राणियों में
सम भाव से रहने वाले
अविनाशी परमेश्वर को देखता है,
वही सत्य को देखता है।
जो मन को नियंत्रित नहीं करते
उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
नारी वह धुरी है,
जिसके चारों ओर परिवार घूमता है.
पुरुषार्थ नहीं करते वे धन, मित्र, ऐश्वर्य,
उत्तम कुल तथा दुर्लभ
लक्ष्मी का उपयोग नहीं कर सकते।
जो विपत्ति पड़ने पर कभी दुखी नहीं होता,
बल्कि सावधानी के साथ
उद्यम का आश्रय लेता है
तथा समय आने पर दुख भी सह लेता है,
उसके शत्रु पराजित ही हैं।
जहाँ सब लोग नेता बनने के इच्छुक हों,
जहाँ सब सम्मान चाहते हों और पंडित बनते हों,
jahan सभी महत्वाकांक्षी हों,
वह समुदाय पतित और नष्ट हुए बिना नहीं रह सकता।
जिसने पहले तुम्हारा उपकार किया हो,
वह यदि बड़ा अपराध करे तो भी उनके
उपकार की याद करके उसका अपराध क्षमा दो.
Mahabharat Hindi Quotes
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जहां लुटेरो के चंगुल मे फंस जाने पर
झूठी शपथ खाने से छुटकारा मिलता हो,
वहां झूठ बोलना ही ठीक है।
ऐसे मे उसे ही सत्य समझना चाहिए।
किसी और का काम
पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि
अपना काम करें,
भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।
एक बुरा आदमी उतना ही प्रसन्न होता है
जितना कि एक अच्छा आदमी दूसरों
के बीमार बोलने से व्यथित होता है।
ये इन्द्रियाँ ही स्वर्ग और नरक है।
इनको वश में रखना स्वर्ग
और स्वतंत्र छोड़ देना नर्क है।
अपनी प्रभुता के लिए चाहे
जितने उपाय किए जाएं
परन्तु परिश्रम के बिना
संसार में सब फीका है।
संसार में वही मनुष्य प्रशंसा के योग्य है,
वही उत्तम है, वही सत्पुरुष और वही धनी है,
जिसके यहाँ से याचक या शरणागत निराश न लौटे.
किसी के प्रति मन मे क्रोध रखने की अपेक्षा
उसे तत्काल प्रकट कर देना
अधिक अच्छा है, जैसे पल मे जल जाना
देर तक सुलगने से अच्छा है।
Mahabharat Hindi Quotes|Mahabharat Quotes in hindi
स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक
वास करने के पश्चात
एक असफल योगी का पुन : एक पवित्र और
समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।
लोग आपके अपमान के बारे में
हमेशा बात करेंगे
सम्मानित व्यक्ति के लिए अपमान
मृत्यु से भी बदतर है।
जिसे सत्य पर विश्वास होता है,
और जो अपने संकल्प पर दृढ होता है,
उसका सदैव कल्याण होता रहता है।
जिस परिवार व राष्ट्र में स्त्रियों का सम्मान नहीं होता,
वह पतन व विनाश के गर्त में लीन हो जाता है.
ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की
अपेक्षा कर रहे
अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को
अस्थिर नहीं करना चाहिए।
महाभारत, शरणागत की रक्षा करना
बहुत ही पुनीत कर्म है,
ऐसा करने से पापी के भी
पाप का प्रायश्चित हो जाता है।
मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है,
लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
मोह मे फंसकर अधर्म का प्रतिकार न करने
के कारण ही महाभारत जैसे युध्द
से महान जन-धन की हानि हुई।
Mahabharat Hindi Quotes|Mahabharat Quotes in hindi
जो कार्य में निष्क्रियता और
निष्क्रियता में कार्य देखता है
वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है।
मन, वचन और कर्म के द्वारा
मनुष्य के साथ अद्रोह,
सब पर कृपा और साधु पुरूषों को दान
यही सनातन धर्म है।
नारी प्रकृति की बेटी है, उस पर क्रोध मत करो,
उसका हृदय कोमल है, उस पर विश्वास करो.
अहंकार मानव का और मानव समाज का
इतना बङा शत्रु है, जो सम्पुर्ण मानव जाति के
कष्ट का कारण और अन्ततः विनाश का द्वार बनता है।
महाभारत,लोभ धर्म का नाशक है।
जुआ खेलना अत्यंत निष्कृष्ट कर्म है.
यह मनुष्य को समाज से गिरा देता है.
सदाचार से धर्म उत्पन्न होता है तथा
धर्म से आयु बढ़ती है।
व्यक्ति को अभिमान नहीं करना चाहिए
नहीं तो दुर्योधन जैसा हाल होगा.
परिवर्तन इस संसार का अटल नियम है,
और सब को इसे स्वीकारना ही पड़ता है;
क्योकी कोई इसे बदल नही सकता।
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है
जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।
स्वार्थ की अनुकूलता और प्रतिकूलता से ही
मित्र और शत्रु बना करते हैं।
बुरे कर्मों का बुरा
परिणाम निकलता है.
मनुष्य जीवन की सफलता इसी में है
कि वह उपकारी के उपकार को कभी न भूले।
चतुर मित्र सबसे श्रेष्ठ
व मार्ग-प्रदर्शक होता है.
Mahabharat Quotes in hindi
अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए.
उनके बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए.
उनके दिए उपदेशों का आचरण करना चाहिए.
विपत्ति के आने पर अपनी रक्षा के लिए
व्यक्ति को अपने पड़ोसी शत्रु
से भी मेल कर लेना चाहिए।
आत्म -ज्ञान की तलवार से काटकर
अपने ह्रदय से
अज्ञान के संदेह को अलग कर दो।
अनुशाषित रहो, उठो।
बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए
बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।
Mahabharat Quotes in hindi
जैसे बिना नाविक की नाव जहाँ
कहीं भी जल में बह जाती है
और बिना सारथी का रथ चाहे
जहाँ भटक जाता है
उसी प्रकार सेनापति बिना
सेना जहाँ चाहे भाग सकती है।
जो मनुष्य अपने माता-पिता
की सेवा पुरे सद्भाव से करते है,
उनकी ख्याति इस लोक मे ही
नही बल्कि परलोक मे भी होती है।
जैसे तेल समाप्त हो जाने पर
दीपक बुझ जाता है,
उसी प्रकार कर्म के क्षीण हो जाने पर
भाग्य भी नष्ट हो जाता है।
बैर के कारण उत्पन होने वाली आग
एक पक्ष को स्वाहा किए
बिना कभी शांत नहीं होती।
बड़े से बड़ा शूरवीर भी अगर अधर्म और
अन्याय का साथ देता है तो धर्म के
आगे उसे अन्ततः झुकना ही पड़ता है।
जुआ खेलना अत्यंत निष्कृष्ट कर्म है।
यह मनुष्य को समाज से गिरा देता है।
सभी को भ्रातृभाव
से रहना चाहिए.
Mahabharat Quotes in hindi
सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए
प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।
जहाँ सब लोग नेता बनने के इच्छुक हों,
जहाँ सब सम्मान चाहते हों और पंडित बनते हों,
जहाँ सभी महत्वाकांक्षी हों,
वह समुदाय पतित और नष्ट हुए बिना नहीं रह सकता।
जो मन को नियंत्रित नहीं करते
उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
अपनी दृष्टि सरल रखो, कुटिल नहीं. सत्य बोलो,
असत्य नहीं. दूरदर्शी बनो, अल्पदर्शी नहीं.
परम तत्व को देखने का प्रयास करो, क्षुद्र वस्तुओं को नहीं.
लज्जा नारी का अमूल्य रत्न है।
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है
यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर
लगातार चिंतन करे।
नारी वह धुरी है,
जिसके चारों ओर परिवार घूमता है.
पुरुषार्थ नहीं करते वे धन, मित्र, ऐश्वर्य,
उत्तम कुल तथा दुर्लभ
लक्ष्मी का उपयोग नहीं कर सकते।
किसी और का काम
पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि
अपना काम करें,
भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।
जिसने पहले तुम्हारा उपकार किया हो,
वह यदि बड़ा अपराध करे तो भी उनके
उपकार की याद करके उसका अपराध क्षमा दो.
एक बुरा आदमी उतना ही प्रसन्न होता है
जितना कि एक अच्छा आदमी दूसरों
के बीमार बोलने से व्यथित होता है।
किसी के प्रति मन मे क्रोध रखने की अपेक्षा
उसे तत्काल प्रकट कर देना
अधिक अच्छा है, जैसे पल मे जल जाना
देर तक सुलगने से अच्छा है।
संसार में वही मनुष्य प्रशंसा के योग्य है,
वही उत्तम है, वही सत्पुरुष और वही धनी है,
जिसके यहाँ से याचक या शरणागत निराश न लौटे.
ये इन्द्रियाँ ही स्वर्ग और नरक है।
इनको वश में रखना स्वर्ग
और स्वतंत्र छोड़ देना नर्क है।
Mahabharat Krishna Quotes Hindi
जिस परिवार व राष्ट्र में स्त्रियों का सम्मान नहीं होता,
वह पतन व विनाश के गर्त में लीन हो जाता है.
महाभारत, शरणागत की रक्षा करना
बहुत ही पुनीत कर्म है,
ऐसा करने से पापी के भी
पाप का प्रायश्चित हो जाता है।
मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है,
लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
मोह मे फंसकर अधर्म का प्रतिकार न करने
के कारण ही महाभारत जैसे युध्द
से महान जन-धन की हानि हुई।
नारी प्रकृति की बेटी है, उस पर क्रोध मत करो,
उसका हृदय कोमल है, उस पर विश्वास करो.
सदाचार से धर्म उत्पन्न होता है तथा
धर्म से आयु बढ़ती है।
जुआ खेलना अत्यंत निष्कृष्ट कर्म है.
यह मनुष्य को समाज से गिरा देता है.
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है
जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।
व्यक्ति को अभिमान नहीं करना चाहिए
नहीं तो दुर्योधन जैसा हाल होगा.
परिवर्तन इस संसार का अटल नियम है,
और सब को इसे स्वीकारना ही पड़ता है;
क्योकी कोई इसे बदल नही सकता।
स्वार्थ की अनुकूलता और प्रतिकूलता से ही
मित्र और शत्रु बना करते हैं।
Mahabharat Quotes in hindi
मनुष्य जीवन की सफलता इसी में है
कि वह उपकारी के उपकार को कभी न भूले।
उसके उपकार से बढ़कर
उस उपकारी व्यक्ति का उपकार कर दे।
अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए.
उनके बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए.
उनके दिए उपदेशों का आचरण करना चाहिए.
विपत्ति के आने पर अपनी रक्षा के लिए
व्यक्ति को अपने पड़ोसी शत्रु
से भी मेल कर लेना चाहिए।
बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए
बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।
जो मनुष्य अपने माता-पिता
की सेवा पुरे सद्भाव से करते है,
उनकी ख्याति इस लोक मे ही
नही बल्कि परलोक मे भी होती है।
बैर के कारण उत्पन होने वाली आग
एक पक्ष को स्वाहा किए
बिना कभी शांत नहीं होती।
बड़े से बड़ा शूरवीर भी अगर अधर्म और
अन्याय का साथ देता है तो धर्म के
आगे उसे अन्ततः झुकना ही पड़ता है।
जैसे सूखी लकड़ी के साथ मिली
होने पर गीली लकड़ी भी जल जाती है,
उसी प्रकार दुष्ट- दुराचारियों के
साथ सम्पर्क में रहने पर सज्जन भी दुःख भोगते है।
Mahabharat Krishna Quotes Hindi
आत्म -ज्ञान की तलवार से काटकर
अपने ह्रदय से
अज्ञान के संदेह को अलग कर दो।
अनुशाषित रहो, उठो।
महाभारत, सो कर नींद जीतने का प्रयास न करें।
कामोपयोग के द्वारा स्त्री को जीतने की इच्छा न करें।
जैसे तेल समाप्त हो जाने पर
दीपक बुझ जाता है,
उसी प्रकार कर्म के क्षीण हो जाने पर
भाग्य भी नष्ट हो जाता है।
दो प्रकार के व्यक्ति संसार में स्वर्ग के भी ऊपर स्थिति होते हैं-
एक तो जो शक्तिशाली होकर क्षमा करता है
और दूसरा जो दरिद्र होकर भी कुछ दान करता रहता है.
अपनी निंदा सहने की शक्ति रखने
वाला व्यक्ति मानों विश्व पर विजय पा लेता है।
जिस राजा की प्रजा हमेशा कर के भार से पीड़ित रहे,
प्रतिदिन दुखी रहे और जिसे तरह-तरह के
अनर्थ झेलने पड़ते हैं,
उस राजा की हमेशा पराजय होती है.
महाभारत, एक मनुष्य को अपनी मातृभूमि
सर्वोपरि रखनी चाहिए
और हर परिस्थत मे उसकी रक्षा करनी चाहिए।
उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है,
ना कभी था ना कभी होगा
जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे
कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।
झूठे पर विश्वास और विश्वस्त पर
भी विश्वास सहसा नहीं करना चाहिए.
निर्माण केवल पहले से मौजूद
चीजों का प्रक्षेपण है।
Mahabharat Krishna Quotes Hindi|Mahabharat Quotes in hindi
मन, वचन और कर्म से प्राणी मात्र के साथ अद्रोह,
सब पर कृपा और दान यही
साधु पुरूषों का सनातन धर्म है.
यदि पानी पीते – पीते उसकी बूंद मुंह से निकलकर
भोजन में गिर पड़े तो वह खाने योग्य नहीं रहता।
पीने से बचा हुआ पानी पुन: पीने के योग्य नहीं होता।
जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है
वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।
प्रिय वस्तु प्राप्त होने पर भी तृष्णा तृप्त नहीं होती,
वह ओर भी भड़कती है जैसे ईधन डालने से अग्नि।
Mahabharat Quotes in hindi
जिस राजा की प्रजा हमेशा, कर के भार से पीड़ित रहे,
प्रतिदिन दुखी रहे और जिसे तरह -तरह के अनर्थ झेलने पड़ते हैं,
उस राजा की हमेशा पराजय होती है।
विधि के विधान के आगे कोई नही टिक सकता ।
एक पुरुर्षाथी को भी वक्त के साथ
मिट कर इतिहास बन जाना पड़ता है।
अगर परमेश्वर से कुछ माँगना है तो सिर्फ
उनके प्रति निश्चल भक्ति माँगो।
जिसके आ जाने मात्र से ही संसार
का समस्त वैभव तुम्हारे पास रहेगा।
परोपकार सबसे बड़ा पुण्य और परपीड़ा
यानि दूसरों को कष्ट देना सबसे बड़ा पाप है.
कर्म करते जाओ,
फल की चिंता मत करो.
वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है,
“मैं ” और “मेरा ” की
लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है
उसे ही शांती प्राप्त होती है।
Mahabharat Krishna Quotes Hindi
जो वेद और शास्त्र के ग्रंथों को
याद रखने में तत्पर है
किन्तु उनके यथार्थ तत्व को नहीं समझता,
उसका वह याद रखना व्यर्थ है।
मधुर शब्दों में कही हुई बात अनेक प्रकार से
कल्याण करती है,
किंतु यही यदि कटु शब्दों में कही जाए तो महान
अनर्थ का कारण बन जाती है।
प्राप्त हुए धन का उपयोग करने में
दो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए।
अपात्र को धन देना
और सुपात्र को धन न देना।
विजय की इच्छा रखने वाले शूरवीर
अपने बल और पराक्रम से वैसा विजय प्राप्त नही करते
जैसा कि सत्य, सज्जनता,
धर्म तथा उत्साह से प्राप्त करते हैं।
किसी का सहारा लिए बिना
कोई ऊंचा नहीं चढ़ सकता,
अत: सबको किसी प्रधान
आश्रय का सहारा लेना चाहिए।
विद्या, शूरवीरता, दक्षता, बल और धैर्य,
ये पांच मनुष्य के स्वाभाविक मित्र हैं।
बुद्धिमान लोग हमेशा इनके साथ रहते हैं।
दुखों में जिसका मन उदास नहीं होता,
सुखों में जिसकी
आसक्ति नहीं होती तथा जो राग, भय व क्रोध
से रहित होता है, वही स्थितिप्रज्ञ है।
मन, वचन और कर्म के द्वारा
मनुष्य के साथ अद्रोह,
सब पर कृपा और साधु पुरूषों को दान
यही सनातन धर्म है।
Mahabharat Krishna Quotes Hindi
ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की
अपेक्षा कर रहे
अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को
अस्थिर नहीं करना चाहिए।
जो मनुष्य नाश होने वाले सब प्राणियों में
सम भाव से रहने वाले
अविनाशी परमेश्वर को देखता है,
वही सत्य को देखता है।